उत्तराखंड में मौसम ने एक बार फिर करवट ले ली है। मौसम विभाग ने राज्य के पर्वतीय जिलों में अगले 48 घंटों के लिए बारिश और बर्फबारी का अलर्ट जार...
उत्तराखंड में मौसम ने एक बार फिर करवट ले ली है। मौसम विभाग ने राज्य के पर्वतीय जिलों में अगले 48 घंटों के लिए बारिश और बर्फबारी का अलर्ट जारी किया है। बदलते मौसम के कारण प्रशासन को भी सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी की संभावना जताई गई है, जबकि निचले क्षेत्रों में झमाझम बारिश से तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है।
मौसम विभाग ने जारी किया ऑरेंज अलर्ट
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि आने वाले दो दिनों में उत्तरकाशी, चमोली, पिथौरागढ़ और रुद्रप्रयाग जिलों में मध्यम से भारी वर्षा हो सकती है।
विभाग के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी डॉ. विक्रम सिंह ने जानकारी दी “पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से राज्य के ऊपरी इलाकों में बर्फबारी और निचले इलाकों में भारी वर्षा की संभावना है। लोगों को पहाड़ी मार्गों पर यात्रा करते समय विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है।”
बर्फबारी से ठंड में बढ़ोतरी, तापमान में गिरावट
चमोली और पिथौरागढ़ में ऊंचाई वाले क्षेत्रों जैसे बदरीनाथ, औली, मुनस्यारी और कपकोट में बर्फबारी के शुरुआती संकेत मिले हैं। इसके चलते दिन के तापमान में 3 से 5 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की गई है।
स्थानीय निवासी किशोर नेगी ने बताया “अक्टूबर की शुरुआत में इतनी ठंड पहले कभी महसूस नहीं हुई। सुबह की बर्फीली हवा और बादलों से घिरा आसमान साफ संकेत दे रहा है कि इस बार सर्दी जल्दी आएगी।”
प्रशासन और SDRF अलर्ट पर
मौसम विभाग की चेतावनी को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने जिला प्रशासन और SDRF टीमों को हाई अलर्ट पर रखा है। संभावित भूस्खलन और सड़कों के बंद होने की स्थिति में राहत एवं बचाव दलों को तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं।
देहरादून जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी ने कहा “सभी संवेदनशील इलाकों में निगरानी बढ़ाई गई है। किसी भी आपात स्थिति में हेल्पलाइन नंबर सक्रिय रहेंगे और लोगों को अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी गई है।”
पर्यटकों को दी गई सावधानी की सलाह
उत्तराखंड के लोकप्रिय पर्यटन स्थलों — मसूरी, नैनीताल, औली और धनोल्टी — में बड़ी संख्या में सैलानी पहुंचे हैं। प्रशासन ने पर्यटकों को खराब मौसम के दौरान पहाड़ी मार्गों पर यात्रा न करने की अपील की है।
पर्यटन विभाग के अधिकारी राजीव पांडे ने कहा “बारिश और फिसलन के कारण कई मार्गों पर खतरा बढ़ जाता है। हमने होटल संचालकों को निर्देश दिए हैं कि सैलानियों को मौसम की अद्यतन जानकारी दी जाए।”
किसानों पर भी पड़ेगा असर
लगातार हो रही बारिश से धान की कटाई और गेहूं की बुवाई पर असर पड़ सकता है। कृषि वैज्ञानिक डॉ. हरेंद्र बिष्ट का कहना है “भारी बारिश से खेतों में जलभराव की समस्या हो सकती है। किसानों को फसलों की सुरक्षा के लिए जल निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए।”
निष्कर्ष: सतर्क रहें, सुरक्षित रहें
उत्तराखंड में 48 घंटे का यह मौसम अलर्ट केवल बारिश और बर्फबारी का संकेत नहीं, बल्कि सतर्कता का संदेश भी है। प्रशासन से लेकर आम नागरिकों तक सभी को सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
“पहाड़ की सुंदरता जितनी मनमोहक है, उसका मौसम उतना ही अनिश्चित — तैयारी ही सुरक्षा की सबसे बड़ी कुंजी है।”