उत्तराखंड में अक्टूबर की शुरुआत में ही मौसम ने करवट ले ली है। झमाझम बारिश से पहाड़ों में ठंडक बढ़ गई है और कई इलाकों में तापमान में उल्लेखनी...
उत्तराखंड में अक्टूबर की शुरुआत में ही मौसम ने करवट ले ली है। झमाझम बारिश से पहाड़ों में ठंडक बढ़ गई है और कई इलाकों में तापमान में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है। सुबह और शाम के समय लोगों को अब ठिठुरन का एहसास होने लगा है।
झमाझम बारिश से बदला मौसम का मिजाज
पिछले 48 घंटों से राज्य के कई हिस्सों में लगातार बारिश हो रही है। देहरादून, मसूरी, नैनीताल और टिहरी में दिन का तापमान औसतन 28°C से गिरकर 21°C के आसपास पहुंच गया है।
मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. विक्रम सिंह ने जानकारी दी कि, “उत्तराखंड में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय है, जिसके कारण राज्य में ठंडी हवाओं और बारिश का असर बढ़ा है। आने वाले दिनों में ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की बर्फबारी की भी संभावना है।”
ऊंचाई वाले जिलों में ठिठुरन, मैदानी क्षेत्रों में भी असर
उत्तरकाशी, चमोली, पिथौरागढ़ और रुद्रप्रयाग जिलों में सुबह और रात के तापमान में 5 से 6 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है। कई इलाकों में लोग गर्म कपड़ों का सहारा लेने लगे हैं।
हल्द्वानी और काशीपुर जैसे मैदानी क्षेत्रों में भी रात के समय हल्की ठंड महसूस की जा रही है। स्थानीय निवासी कमल जोशी का कहना है, “अक्टूबर में इतनी ठंड पहले कभी महसूस नहीं हुई। लगता है, इस बार सर्दी जल्दी और ज्यादा तीखी होगी।”
पर्यटकों के लिए स्वर्ग बना मौसम
मौसम में आए इस बदलाव ने राज्य के पर्यटन स्थलों की खूबसूरती को और निखार दिया है।
मसूरी, नैनीताल, औली और रानीखेत में सैलानियों की आवाजाही बढ़ गई है। होटल और होमस्टे संचालकों का कहना है कि ठंडक बढ़ने के साथ बुकिंग्स में करीब 20 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई है।
पर्यटन व्यवसायी राजीव पांडे के अनुसार, “बारिश के बाद पहाड़ों का सौंदर्य और बढ़ गया है। ठंडी हवाएं और साफ आसमान सैलानियों को आकर्षित कर रहे हैं।”
मौसम विभाग का अलर्ट
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने राज्य में अगले तीन दिनों तक हल्की से मध्यम बारिश की चेतावनी जारी की है। विभाग के अनुसार,
“कुछ स्थानों पर बिजली गिरने और ओलावृष्टि की भी संभावना है। लोगों को सुबह-शाम सावधानी बरतनी चाहिए।”
किसानों पर भी पड़ा असर
लगातार हो रही बारिश से खेतों में जलभराव की स्थिति बन गई है। धान की कटाई के इस मौसम में बारिश किसानों के लिए परेशानी का सबब बन सकती है।
कृषि विशेषज्ञ डॉ. हरेंद्र बिष्ट ने बताया, “अगर बारिश का दौर लंबा चला, तो फसल को नुकसान पहुंच सकता है। सरकार को किसानों को समय पर सलाह देनी चाहिए।”
निष्कर्ष
उत्तराखंड में अक्टूबर की शुरुआत में ही तापमान में गिरावट और बारिश का सिलसिला यह संकेत दे रहा है कि इस बार सर्दी सामान्य से पहले दस्तक दे सकती है।
जहां एक ओर सैलानी इस ठंडक का आनंद उठा रहे हैं, वहीं किसानों और स्थानीय लोगों के लिए यह मौसम सतर्कता का समय है।
“पहाड़ों का मौसम कभी भी रुख बदल सकता है, लेकिन उसकी खूबसूरती हर बार मन मोह लेती है।”