देहरादून। उत्तराखंड के एक गांव में सोमवार देर रात हुई गैस सिलिंडर विस्फोट की घटना ने ग्रामीणों में दहशत फैला दी। इस हादसे में गांव के...
देहरादून।
उत्तराखंड के एक गांव
में सोमवार देर रात हुई
गैस सिलिंडर विस्फोट की घटना ने
ग्रामीणों में दहशत फैला
दी। इस हादसे में
गांव के मुख्य मार्ग
पर स्थित एक ढाबा पूरी
तरह जलकर राख हो
गया। हालांकि राहत की बात
यह रही कि समय
रहते लोगों ने वहां से
बाहर निकलकर अपनी जान बचा
ली।
अचानक धमाके
से
मचा
हड़कंप
प्रत्यक्षदर्शियों
के अनुसार देर रात खाना
बनाने के दौरान सिलिंडर
में गैस लीक होने
से यह घटना हुई।
कुछ ही पलों में
सिलिंडर में जोरदार धमाका
हुआ और आग तेजी
से पूरे ढाबे में
फैल गई। ग्रामीणों ने
पानी और मिट्टी डालकर
आग बुझाने की कोशिश की,
लेकिन आग इतनी भीषण
थी कि देखते ही
देखते ढाबा राख में
बदल गया।
प्रशासन और
दमकल
की
टीम
मौके
पर
घटना
की जानकारी मिलते ही स्थानीय प्रशासन
और दमकल विभाग की
टीम मौके पर पहुंची।
आग पर काबू पाने
में घंटों की मशक्कत करनी
पड़ी। “आगजनी की सूचना मिलते
ही हमारी टीम मौके पर
रवाना हुई। सौभाग्य से
कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन
ढाबा पूरी तरह जलकर
खाक हो गया,” एक
दमकल अधिकारी ने बताया।
ग्रामीणों में
दहशत
और
चिंता
इस घटना से आसपास
के गांवों में दहशत का
माहौल है। ग्रामीणों का
कहना है कि ढाबे
में सिलिंडरों का सही तरीके
से रख-रखाव नहीं
किया जा रहा था।
“ऐसी घटनाएँ हमारी सुरक्षा को लेकर गंभीर
सवाल खड़े करती हैं।
प्रशासन को छोटे ढाबों
और होटलों में नियमित जांच
करनी चाहिए,” एक स्थानीय निवासी
ने कहा।
सुरक्षा और
जिम्मेदारी
का
सवाल
विशेषज्ञों
का मानना है कि सिलिंडर
विस्फोट की घटनाओं के
पीछे अक्सर गैस लीक, रेगुलेटर
की खराबी और असावधानी मुख्य
कारण होते हैं। ऐसे
मामलों से बचाव के
लिए नियमित निरीक्षण और प्रशिक्षण जरूरी
है। खासकर छोटे ढाबों और
होटलों में जहां सुरक्षा
इंतजाम अक्सर लापरवाही की भेंट चढ़
जाते हैं।
निष्कर्ष
यह घटना एक बार
फिर चेतावनी देती है कि
गैस सिलिंडर से जुड़ी सुरक्षा
को हल्के में लेना कितना
खतरनाक साबित हो सकता है।
ढाबा जलने से भले
ही कोई जनहानि नहीं
हुई, लेकिन इस हादसे ने
ग्रामीणों की सुरक्षा व्यवस्था
पर गंभीर सवाल खड़े कर
दिए हैं।
👉 अब जरूरत है
कि प्रशासन केवल राहत कार्य
तक सीमित न रहकर गैस
सिलिंडरों की नियमित जांच
और सुरक्षा प्रशिक्षण की ठोस व्यवस्था
सुनिश्चित करे। ताकि भविष्य
में ऐसी घटनाओं को
रोका जा सके और
लोगों का भरोसा कायम
रह सके।