देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश में संपत्ति से जुड़े लेन-देन को लेकर बड़ा फैसला लिया है। राज्यभर में नए सर्किल रेट (Circle Rate) लागू कर...
देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश में संपत्ति से जुड़े लेन-देन को लेकर बड़ा फैसला लिया है। राज्यभर में नए सर्किल रेट (Circle Rate) लागू कर दिए गए हैं, जिसके बाद अब जमीन, मकान और फ्लैट खरीदना पहले की तुलना में महंगा हो गया है। सरकार का तर्क है कि यह कदम राजस्व बढ़ाने और रियल एस्टेट सेक्टर को पारदर्शिता देने के लिए उठाया गया है, लेकिन आम जनता और निवेशकों पर इसका सीधा असर पड़ना तय है।
क्या है सर्किल रेट और क्यों बढ़ाए गए?
सर्किल रेट वह न्यूनतम मूल्य होता है, जिस पर किसी संपत्ति की खरीद-फरोख्त रजिस्ट्री की जाती है। नया रेट लागू होने से अब रजिस्ट्री शुल्क और स्टांप ड्यूटी भी अधिक देनी होगी।
राजस्व विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “पिछले कुछ वर्षों में बाजार मूल्य और सर्किल रेट के बीच बड़ा अंतर आ गया था। इसे संतुलित करने और कर राजस्व बढ़ाने के लिए दरों में संशोधन किया गया है।”
किन क्षेत्रों में कितना असर?
सूत्रों के अनुसार, शहरी इलाकों जैसे देहरादून, हल्द्वानी, ऋषिकेश और हरिद्वार में सर्किल रेट में सबसे अधिक बढ़ोतरी की गई है। पहाड़ी जिलों में यह बढ़ोतरी अपेक्षाकृत कम रखी गई है, ताकि वहां की आर्थिक स्थिति पर ज्यादा बोझ न पड़े।
रियल एस्टेट विशेषज्ञ मनीष रावत का कहना है, “देहरादून जैसे तेजी से विकसित हो रहे शहर में जमीन के दाम पहले ही ऊंचाई पर हैं। अब नए सर्किल रेट से खरीदारों को और ज्यादा कीमत चुकानी होगी।”
खरीदार और निवेशक क्या कह रहे?
जहां सरकार इसे राजस्व सुधार का कदम बता रही है, वहीं खरीदार और निवेशक इसे जेब पर बोझ मान रहे हैं। देहरादून निवासी सीमा नेगी ने कहा, “हम जैसे मध्यमवर्गीय लोगों के लिए घर खरीदना पहले ही मुश्किल था, अब यह और कठिन हो गया है।”
रियल एस्टेट कंपनियां भी चिंतित हैं। उनका मानना है कि नए सर्किल रेट से प्रॉपर्टी डील्स में गिरावट आ सकती है, जिससे निर्माण कार्यों और रोजगार पर भी असर पड़ेगा।
सरकार का पक्ष
राजस्व मंत्री ने मीडिया से कहा, “नए सर्किल रेट प्रदेश के विकास के लिए जरूरी हैं। बढ़ी हुई आय से राज्य सरकार को बुनियादी ढांचे और जनकल्याणकारी योजनाओं पर खर्च करने में मदद मिलेगी। साथ ही, इससे काला धन और अघोषित लेन-देन पर भी रोक लगेगी।”
निष्कर्ष
उत्तराखंड में नए सर्किल रेट लागू होने से संपत्ति की खरीद-फरोख्त निश्चित रूप से महंगी हो गई है। जहां सरकार इसे राजस्व और पारदर्शिता के लिहाज से सही ठहरा रही है, वहीं आम जनता और रियल एस्टेट सेक्टर इसे एक बड़ी चुनौती के रूप में देख रहे हैं।
👉 अब सवाल यह है कि क्या यह कदम राज्य की अर्थव्यवस्था और विकास परियोजनाओं को गति देगा, या फिर आम जनता की जेब पर बोझ डालकर रियल एस्टेट सेक्टर की रफ्तार धीमी कर देगा?