देहरादून। राज्य सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए साफ कर दिया है कि नियुक्तियों और तबादलों को लेकर अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की ज...
देहरादून। राज्य सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए साफ कर दिया है कि नियुक्तियों और तबादलों को लेकर अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हाल के दिनों में सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफॉर्म पर लगातार फर्जी सूचनाएँ वायरल हो रही थीं, जिससे न केवल सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों में भ्रम की स्थिति बनी, बल्कि आम जनता के बीच भी असमंजस का माहौल पैदा हुआ।
अफवाहों का बढ़ता असर
पिछले कुछ सप्ताहों में सोशल मीडिया पर कई ऐसे संदेश वायरल हुए, जिनमें अधिकारियों और कर्मचारियों की कथित नियुक्तियों और तबादलों के आदेश बताए गए। बाद में जांच में ये आदेश पूरी तरह फर्जी पाए गए। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की अफवाहें न केवल प्रशासनिक कार्यप्रणाली को प्रभावित करती हैं, बल्कि सरकार की छवि को भी नुकसान पहुंचाती हैं।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “सोशल मीडिया पर फैल रही फर्जी सूचनाएं कर्मचारियों के बीच असंतोष और अविश्वास का माहौल बना रही हैं। यह स्थिति बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
सरकार का सख्त संदेश
मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इस तरह की अफवाहें फैलाने वालों की पहचान की जा रही है। यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर फर्जी सूचना प्रसारित करता पाया गया तो उसके खिलाफ साइबर कानूनों के तहत कठोर कार्रवाई होगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “पारदर्शिता और जवाबदेही हमारी सरकार की प्राथमिकता है। नियुक्तियों और तबादलों से जुड़ी कोई भी सूचना केवल आधिकारिक माध्यम से ही मानी जाए। अफवाह फैलाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।”
प्रशासन और पुलिस की तैयारी
पुलिस और साइबर सेल को निर्देश दिए गए हैं कि वे सोशल मीडिया पर नजर रखें और अफवाह फैलाने वालों को चिन्हित करें। अधिकारियों का कहना है कि डिजिटल फॉरेंसिक की मदद से इस तरह की फर्जी पोस्ट करने वालों का पता लगाना अब आसान हो गया है।
साइबर सेल के एक अधिकारी ने बताया, “हम हर उस संदेश की जांच कर रहे हैं जो बिना आधिकारिक स्रोत के वायरल हो रहा है। दोषियों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”
विशेषज्ञों की राय
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस तरह की अफवाहें अक्सर प्रशासनिक असंतोष को भड़काने या राजनीतिक लाभ उठाने के उद्देश्य से फैलाई जाती हैं। संचार विशेषज्ञों का सुझाव है कि सरकार को अपनी आधिकारिक सूचनाओं को समय पर और अधिक सुलभ बनाना चाहिए ताकि अफवाहों के लिए जगह ही न बचे।
निष्कर्ष
देहरादून में सरकार का यह सख्त रुख स्पष्ट संदेश देता है कि फर्जी सूचनाओं और अफवाहों के खिलाफ अब जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी। नियुक्तियों और तबादलों जैसी संवेदनशील सूचनाएं केवल आधिकारिक माध्यमों से ही स्वीकार्य होंगी।
👉 सवाल यह है कि क्या यह कार्रवाई अफवाह फैलाने वालों को रोक पाएगी, या सोशल मीडिया पर फैलने वाली फर्जी खबरों के खिलाफ सरकार को और व्यापक रणनीति अपनानी होगी?