उत्तराखंड। प्रदेश में एक चिंताजनक घटना सामने आई है जहां स्कूल जाते समय दर्जनों छात्रों पर अचानक ततैयों ने हमला कर दिया। कई बच्चों को चोटें आ...
उत्तराखंड। प्रदेश में एक चिंताजनक घटना सामने आई है जहां स्कूल जाते समय दर्जनों छात्रों पर अचानक ततैयों ने हमला कर दिया। कई बच्चों को चोटें आईं, जिसके बाद गुस्साए और डरे हुए अभिभावकों ने अपने बच्चों को स्कूल भेजने से साफ इंकार कर दिया। इस घटना ने न केवल स्थानीय प्रशासन बल्कि शिक्षा विभाग को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है कि ग्रामीण इलाकों में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित कैसे की जाए।
घटना कैसे हुई?
सूत्रों के अनुसार, यह घटना तब हुई जब सुबह बच्चे समूह में स्कूल जा रहे थे। अचानक रास्ते के किनारे बने पेड़ पर मौजूद ततैयों के छत्ते से झुंड बाहर निकला और बच्चों पर टूट पड़ा। बच्चों में चीख-पुकार मच गई और किसी तरह ग्रामीणों ने उन्हें बचाया। कई छात्र घायल हो गए, जिनमें से कुछ को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया।
एक स्थानीय ग्रामीण ने बताया, “बच्चे रोज़ इसी रास्ते से स्कूल जाते हैं। आज अचानक ततैये हमला करने लगे, बच्चे बहुत बुरी तरह से डर गए।”
अभिभावकों में आक्रोश और डर
घटना के बाद अभिभावकों ने प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जताई। उनका कहना है कि जब तक सुरक्षा के ठोस इंतजाम नहीं किए जाते, वे अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे।
एक अभिभावक ने कहा, “हम अपने बच्चों को पढ़ाना चाहते हैं, लेकिन उनकी जान जोखिम में डालकर नहीं। जब तक रास्ते को सुरक्षित नहीं बनाया जाता, बच्चों को स्कूल भेजना संभव नहीं है।”
प्रशासन और शिक्षा विभाग की प्रतिक्रिया
घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय प्रशासन और शिक्षा विभाग हरकत में आए। टीम ने मौके का निरीक्षण किया और ततैयों के छत्तों को हटाने के लिए वन विभाग से संपर्क साधा।
शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने आश्वासन दिया, “बच्चों की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है। ततैयों के छत्ते हटाने और वैकल्पिक रास्ते की व्यवस्था करने पर काम किया जा रहा है।”
विशेषज्ञों की राय: क्यों बढ़ रहे हैं ऐसे हमले?
वन्यजीव विशेषज्ञों का कहना है कि बारिश और मौसम में बदलाव के कारण ततैयों और अन्य कीट-पतंगों की संख्या बढ़ जाती है। पहाड़ी इलाकों में ऐसे हमले सामान्य होते जा रहे हैं। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि स्कूल जाने वाले मार्गों की नियमित जांच और सफाई की जानी चाहिए ताकि ऐसे हादसों से बचा जा सके।
निष्कर्ष
ततैयों के हमले की यह घटना बच्चों और उनके परिवारों के लिए किसी सदमे से कम नहीं। शिक्षा जितनी जरूरी है, बच्चों की सुरक्षा उतनी ही अहम है। यह मामला स्पष्ट करता है कि स्कूल प्रशासन, स्थानीय निकाय और वन विभाग के बीच बेहतर समन्वय जरूरी है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।