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उत्तराखंड: जिसे बेटी समझकर दिया घर, वही ले उड़ी असली बेटी!

देहरादून। उत्तराखंड से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसने समाज और रिश्तों की जटिलताओं को नए सिरे से सोचने पर मजबूर कर दिया है। परिवार न...

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ChaloPahad Team
October 5, 2025
Oct 5, 2025 | Uttarakhand News
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उत्तराखंड: जिसे बेटी समझकर दिया घर, वही ले उड़ी असली बेटी!

देहरादून। उत्तराखंड से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसने समाज और रिश्तों की जटिलताओं को नए सिरे से सोचने पर मजबूर कर दिया है। परिवार ने जिस लड़की को अपनाकर अपनी “बेटी” माना और उसे घर का हिस्सा बनाया, वही लड़की विश्वास तोड़कर घर की असली बेटी को भगा ले गई। इस सनसनीखेज घटना ने स्थानीय लोगों को हिला दिया है और परिवार में गहरी चोट पहुंचाई है।

घटना का खुलासा

मामला उस वक्त सामने आया जब परिवार ने शिकायत दर्ज कराई कि उनकी बेटी अचानक लापता हो गई है। जांच के दौरान पता चला कि जिस लड़की को उन्होंने सहानुभूति और अपनापन देकर घर में जगह दी थी, उसी ने योजना बनाकर उनकी बेटी को अपने साथ भगा लिया।

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच तेज कर दी गई है। “यह विश्वासघात का मामला है, परिवार की ओर से लिखित शिकायत मिली है, जिसके आधार पर हम कार्रवाई कर रहे हैं।” – स्थानीय थानाध्यक्ष ने जानकारी दी।

समाज में उठे सवाल

यह घटना सिर्फ एक आपराधिक मामला नहीं, बल्कि सामाजिक और नैतिक सवाल भी खड़े करती है। क्या यह सिर्फ व्यक्तिगत रिश्तों का विश्वासघात है, या फिर इसके पीछे कोई गहरी योजना छिपी है?

स्थानीय समाजशास्त्री का कहना है, “जब एक परिवार किसी बाहरी व्यक्ति को अपने घर में अपनाता है, तो यह विश्वास और दया का प्रतीक होता है। ऐसे में उसी व्यक्ति द्वारा विश्वासघात करना समाज में रिश्तों और भरोसे की नींव को हिला देता है।”

पुलिस की कार्रवाई और आगे की दिशा

पुलिस ने दोनों लड़कियों की तलाश शुरू कर दी है और अलग-अलग जगहों पर छापेमारी की जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही पूरे मामले से पर्दा उठ जाएगा और असली वजह भी सामने आ जाएगी।

साथ ही, कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार, यदि इसमें अपहरण या प्रलोभन का मामला साबित होता है, तो दोषी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

परिवार की पीड़ा

परिवार के सदस्य गहरे सदमे में हैं। माता-पिता का कहना है कि उन्होंने मानवता और अपनापन दिखाते हुए जिस लड़की को बेटी का दर्जा दिया था, उसने ही उनके विश्वास को तोड़ा। “हमने उसे अपनी बेटी की तरह पाला, लेकिन उसने हमारी दुनिया ही उजाड़ दी।” – परिवार ने मीडिया से बातचीत में कहा।

निष्कर्ष

यह घटना सिर्फ एक परिवार की त्रासदी नहीं है, बल्कि समाज के सामने विश्वास, रिश्तों और नैतिकता पर एक गहरी बहस खड़ी करती है। यह सवाल भी उठता है कि जब दया और विश्वास का ऐसा दुरुपयोग होता है, तो आगे लोग किसी जरूरतमंद को अपनाने या मदद करने से पहले कई बार सोचेंगे।

अब पूरा ध्यान पुलिस जांच और कानून की कार्रवाई पर है, ताकि न केवल पीड़ित परिवार को न्याय मिले, बल्कि समाज में भी यह संदेश जाए कि विश्वासघात और छल का कोई स्थान नहीं है।

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