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देहरादून : फर्जी तरीके से UKSSSC की परीक्षा देने की योजना बनाने वाला अभियुक्त आया पुलिस की गिरफ्त में

देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की परीक्षाओं से जुड़े फर्जीवाड़े के मामलों में पुलिस लगातार कड़ी कार्रवाई कर रही है। ताज़...

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ChaloPahad Team
October 5, 2025
Oct 5, 2025 | Uttarakhand News
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देहरादून : फर्जी तरीके से UKSSSC की परीक्षा देने की योजना बनाने वाला अभियुक्त आया पुलिस की गिरफ्त में

देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की परीक्षाओं से जुड़े फर्जीवाड़े के मामलों में पुलिस लगातार कड़ी कार्रवाई कर रही है। ताज़ा घटनाक्रम में दून पुलिस ने एक ऐसे अभियुक्त को गिरफ्तार किया है जो फर्जी तरीके से परीक्षा देने की योजना बना रहा था। इस गिरफ्तारी से एक बार फिर यह सवाल उठ रहा है कि किस तरह शिक्षा व्यवस्था को नकल माफिया और असामाजिक तत्व प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं।

पुलिस की कार्रवाई

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए टीम ने देहरादून में दबिश दी और आरोपी को गिरफ्तार किया। जांच में सामने आया कि अभियुक्त परीक्षा में किसी और की जगह बैठने की योजना बना रहा था।

देहरादून एसएसपी ने कहा, “हमारे लिए यह मामला युवाओं के भविष्य से जुड़ा है। ऐसे किसी भी प्रयास को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अभियुक्त से पूछताछ की जा रही है और उसके नेटवर्क की भी जांच की जा रही है।”

परीक्षा में पारदर्शिता पर सवाल

UKSSSC की परीक्षाएं पिछले कुछ समय से लगातार विवादों और पेपर लीक मामलों के कारण सुर्खियों में रही हैं। इस गिरफ्तारी ने फिर से इस मुद्दे को चर्चा के केंद्र में ला दिया है।

शिक्षा विशेषज्ञ मानते हैं कि इस तरह की घटनाएं न केवल पारदर्शिता पर सवाल खड़े करती हैं बल्कि हजारों मेहनती छात्रों की मेहनत और भविष्य पर भी चोट पहुंचाती हैं।

आरोपी की पृष्ठभूमि और जांच

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि गिरफ्तार अभियुक्त के अन्य आपराधिक कनेक्शनों की भी जांच की जा रही है। शक है कि वह एक बड़े गिरोह का हिस्सा हो सकता है, जो परीक्षाओं में फर्जी उम्मीदवारों को शामिल कराता है।

एक अधिकारी ने बताया, “पूछताछ से यह स्पष्ट होगा कि क्या आरोपी अकेले काम कर रहा था या फिर किसी संगठित नेटवर्क से जुड़ा है।”

युवाओं में गुस्सा और चिंता

इस गिरफ्तारी के बाद छात्रों में नाराज़गी साफ दिखाई दे रही है। कई छात्रों का कहना है कि ऐसे मामलों से उनकी मेहनत पर पानी फिर जाता है।

एक प्रतियोगी छात्र ने कहा, “हम दिन-रात पढ़ाई करते हैं, और जब कोई पैसे और फर्जी तरीके से सिस्टम को तोड़ने की कोशिश करता है, तो यह हमारे लिए बेहद निराशाजनक है।”

सरकार और आयोग की जिम्मेदारी

शिक्षा जगत के जानकारों का मानना है कि सरकार और आयोग को परीक्षाओं की सुरक्षा और पारदर्शिता को और मजबूत करना होगा। इसके लिए टेक्नोलॉजी आधारित निगरानी, सख्त कानूनी कार्रवाई और निगरानी तंत्र को मजबूत करना जरूरी है।

निष्कर्ष

देहरादून पुलिस की यह गिरफ्तारी संदेश देती है कि अब परीक्षा फर्जीवाड़े को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह कदम उन छात्रों के लिए उम्मीद की किरण है जो मेहनत और ईमानदारी से तैयारी करते हैं।

लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या ऐसी कार्रवाइयाँ भविष्य में ऐसे नेटवर्क को पूरी तरह खत्म कर पाएंगी? जब तक शिक्षा व्यवस्था में सख्त निगरानी और जवाबदेही नहीं लाई जाती, तब तक ऐसे प्रयासों की पुनरावृत्ति से इंकार नहीं किया जा सकता।

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