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उत्तराखंड: बनभूलपुरा में ‘डॉ. खान’ का झांसा — महिला के खाते से 1.5 लाख रुपये उड़ाए

हल्द्वानी, 3 अक्टूबर 2025 — बनभूलपुरा क्षेत्र में एक महिला साइबर ठगी का शिकार हो गई। आरोप है कि एक अज्ञात व्यक्ति ने खुद को ‘डॉ. खान’ बताकर...

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ChaloPahad Team
October 3, 2025
Oct 3, 2025 | Uttarakhand News
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उत्तराखंड: बनभूलपुरा में ‘डॉ. खान’ का झांसा — महिला के खाते से 1.5 लाख रुपये उड़ाए

हल्द्वानी, 3 अक्टूबर 2025 — बनभूलपुरा क्षेत्र में एक महिला साइबर ठगी का शिकार हो गई। आरोप है कि एक अज्ञात व्यक्ति ने खुद को ‘डॉ. खान’ बताकर व्हाट्सऐप कॉल के माध्यम से दोस्ती की और विदेश से भेजे जा रहे गिफ्ट-पार्सल का लालच देकर महिला से कुल 1.5 लाख रुपये ठग लिए। पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

घटनाक्रम

जानकारी के मुताबिक, जानकी ठाकुर नामक महिला को 20 अगस्त की शाम एक व्हाट्सऐप कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को ब्रिटेन में रहने वाला ‘डॉ. खान’ बताया। बातचीत का सिलसिला कुछ दिनों तक चला, जिसके बाद ठग ने दावा किया कि उसने महिला के लिए एक महंगा पार्सल भेजा है। आरोप है कि मुंबई एयरपोर्ट पर पार्सल अटकने की बात कहकर महिला से पैसे मांगे गए।

शुरुआत में महिला ने 10,000 रुपये यूपीआई के जरिए भेज दिए। इसके बाद अलग-अलग किश्तों में कुल 1.5 लाख रुपये आरोपी के खाते में ट्रांसफर कर दिए। ठग ने जब और तीन लाख रुपये की मांग की तो महिला को शक हुआ और उसने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई।

पुलिस की कार्रवाई

शिकायत मिलने के बाद बनभूलपुरा पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर तकनीकी जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने महिला से ठग के साथ हुई बातचीत, कॉल रिकॉर्ड और लेन-देन के सबूत इकट्ठा कर लिए हैं। मामले को साइबर सेल को सौंपा गया है, जहां से कॉल डिटेल और बैंक खातों की पड़ताल की जा रही है।

पुलिस की चेतावनी

पुलिस ने इस मामले के बाद आम जनता को सचेत किया है कि किसी अनजान कॉलर की बातों में न आएं और बैंक डिटेल, ओटीपी या यूपीआई पिन साझा न करें। पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी विदेशी पार्सल या लॉटरी के नाम पर अग्रिम भुगतान करने से बचें।

बढ़ते साइबर अपराध

हाल के महीनों में उत्तराखंड में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं। कभी नकली कूरियर कंपनी तो कभी डॉक्टर या बैंक अधिकारी बनकर ठग लोगों से बड़ी रकम हड़प रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार सोशल मीडिया और मैसेजिंग एप्स के बढ़ते उपयोग के साथ साइबर ठगी के तरीके भी लगातार बदलते जा रहे हैं।

निष्कर्ष

यह मामला एक बार फिर साबित करता है कि साइबर अपराध अब छोटे शहरों तक पहुँच चुके हैं। लोगों को सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध कॉल या संदेश पर तुरंत पुलिस और साइबर सेल को सूचना देने की आवश्यकता है। पुलिस का कहना है कि मामले की गहन जांच की जा रही है और आरोपियों की पहचान जल्द ही उजागर की जाएगी।

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