देहरादून | 30 सितंबर 2025उत्तराखंड लोक सेवा आयोग (UKPSC) ने अक्तूबर 2025 से जुलाई 2026 तक आयोजित होने वाली 16 परीक्षाओं का विस्तृत कैलेंडर ज...
देहरादून | 30 सितंबर 2025
उत्तराखंड लोक सेवा आयोग (UKPSC) ने अक्तूबर 2025 से जुलाई 2026 तक आयोजित होने वाली 16 परीक्षाओं का विस्तृत कैलेंडर जारी किया है। इस कैलेंडर में नौ विभागों के विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए परीक्षाओं की तिथियां तय की गई हैं। आयोग का कहना है कि यह कदम उम्मीदवारों को समय पर जानकारी देने और भर्ती प्रक्रिया को व्यवस्थित करने के लिए उठाया गया है।
मुख्य परीक्षाएँ और तिथियाँ
जारी कैलेंडर में जिन प्रमुख परीक्षाओं का उल्लेख है, उनमें अपर निजी सचिव, क्रीड़ा अधिकारी, वन विभाग से संबंधित पद, माध्यमिक शिक्षा और कार्मिक विभाग की भर्तियाँ शामिल हैं। प्रत्येक परीक्षा की सटीक तिथियाँ और पात्रता विवरण आयोग की आधिकारिक अधिसूचनाओं के माध्यम से उम्मीदवारों को उपलब्ध कराए जाएंगे।
उम्मीदवारों को मिली तैयारी में स्पष्टता
इस पहल से उम्मीदवारों को अपनी तैयारी की रणनीति बनाने में मदद मिलेगी। अब परीक्षाओं की समय-सीमा पहले से तय होने के कारण कोचिंग संस्थानों और अभ्यर्थियों दोनों के लिए सिलेबस और अभ्यास योजनाओं को व्यवस्थित करना आसान होगा।
भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता की उम्मीद
पिछले कुछ वर्षों में उत्तराखंड में कई भर्ती परीक्षाओं के दौरान पारदर्शिता को लेकर सवाल उठते रहे हैं। ऐसे में आयोग का यह कदम उम्मीदवारों के विश्वास को मजबूत कर सकता है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि केवल कैलेंडर जारी करना ही काफी नहीं होगा। परीक्षा केंद्रों के प्रबंधन, सुरक्षा व्यवस्था और समयबद्ध परिणाम घोषणा पर भी उतना ही ध्यान देना जरूरी है।
उभरती प्रवृत्तियाँ
आयोग अब सालभर के लिए पूर्व निर्धारित कैलेंडर जारी करने की नीति पर काम कर रहा है।
एक साथ कई विभागों की परीक्षाओं की तिथियाँ तय होने से भर्ती प्रक्रिया तेज होगी।
पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए आवेदन, एडमिट कार्ड, उत्तर कुंजी और परिणाम की टाइमलाइन पर सख्त निगरानी की आवश्यकता होगी।
निष्कर्ष
आयोग द्वारा 16 परीक्षाओं का कैलेंडर जारी करना एक सकारात्मक कदम है, जो न केवल उम्मीदवारों को स्पष्टता देता है बल्कि भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और दक्षता लाने की दिशा में भी अहम भूमिका निभा सकता है। अब देखना यह होगा कि आगामी महीनों में आयोग तय समयसीमा के भीतर सभी प्रक्रियाएँ कितनी प्रभावी ढंग से पूरी करता है।