देहरादून। उत्तराखंड में पढ़ाई और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए एक बड़ी राहत भरी खबर सामने आई है। राज्य सरकार और शिक्षा...
देहरादून। उत्तराखंड में पढ़ाई और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए एक बड़ी राहत भरी खबर सामने आई है। राज्य सरकार और शिक्षा विभाग की पहल के तहत अब बच्चों को सरकारी और मान्यता प्राप्त कोचिंग संस्थानों में 50% से अधिक की छूट दी जाएगी। इस योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक आसान पहुंच सुनिश्चित करना है।
योजना का उद्देश्य
शिक्षा विभाग के सूत्रों के अनुसार, इस पहल का मकसद है कि हर बच्चा आर्थिक स्थिति के कारण पढ़ाई में पीछे न रहे। योजना के तहत प्रतियोगी परीक्षाओं, बोर्ड परीक्षाओं और अन्य शैक्षिक कोचिंग में नामांकन लेने वाले योग्य छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
विभाग के एक अधिकारी ने बताया, “हम चाहते हैं कि शिक्षा का लाभ हर छात्र तक पहुंचे। इस योजना से गरीब और मध्यम वर्ग के छात्र भी अपने सपनों की तैयारी आसानी से कर सकेंगे।”
लाभ और पात्रता
छात्र वर्ग: सरकारी स्कूल और मान्यता प्राप्त निजी स्कूल के छात्र।
आय सीमा: परिवार की वार्षिक आय तय सीमा से कम होनी चाहिए।
छूट दर: कोचिंग शुल्क में 50% से अधिक की छूट।
लाभार्थियों की संख्या: प्रारंभ में 5,000 छात्रों को शामिल किया जाएगा, जिसे आवश्यकतानुसार बढ़ाया जा सकता है।
एक छात्रा ने कहा, “इस योजना से हमें अच्छा कोचिंग सेंटर चुनने का अवसर मिलेगा। अब तैयारी में आर्थिक बोझ कम होगा।”
विशेषज्ञों की राय
शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की पहल छात्रों के शैक्षिक विकास को बढ़ावा देगी।
एक शिक्षा विशेषज्ञ ने कहा, “छात्रों के लिए वित्तीय सहायता के साथ गुणवत्तापूर्ण कोचिंग का अवसर उपलब्ध कराना उनके भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। यह योजना छात्रों को प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित करेगी।”
भविष्य की दिशा
सरकारी योजना के तहत आगामी महीनों में अधिक छात्रों को शामिल करने और नए कोचिंग संस्थानों के साथ समझौते करने की योजना बनाई जा रही है। शिक्षा विभाग का उद्देश्य है कि राज्य के हर छात्र तक यह सुविधा पहुंचे।
एक अधिकारी ने कहा, “हम हर जिले में छात्रों के लिए यह योजना सुलभ बनाने पर काम कर रहे हैं। भविष्य में और भी कई सुधार किए जाएंगे।”
निष्कर्ष
उत्तराखंड में इस योजना की शुरुआत छात्रों और उनके परिवारों के लिए बड़ी राहत है। यह कदम न केवल आर्थिक बोझ को कम करेगा, बल्कि राज्य के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंचाने में भी मददगार साबित होगा। सरकार और शिक्षा विभाग की इस पहल से यह संदेश जाता है कि शिक्षा को हर बच्चे का अधिकार माना जाता है, और इसके लिए बाधाओं को कम करना प्राथमिकता है।