देहरादून। उत्तराखंड में सड़क हादसों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। ताज़ा मामला सामने आया है, जिसमें एक यूनिवर्सिटी छात्र की भीषण सड़क द...
देहरादून। उत्तराखंड में सड़क हादसों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। ताज़ा मामला सामने आया है, जिसमें एक यूनिवर्सिटी छात्र की भीषण सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। इस दर्दनाक घटना ने न केवल परिजनों, बल्कि स्थानीय समुदाय और शिक्षण संस्थानों को भी गहरे सदमे में डाल दिया है।
हादसे की पूरी कहानी
जानकारी के अनुसार, छात्र अपनी यूनिवर्सिटी से लौट रहा था जब उसकी बाइक तेज रफ्तार से आ रही एक वाहन से टकरा गई। टक्कर इतनी भीषण थी कि मौके पर ही छात्र ने दम तोड़ दिया। स्थानीय लोगों ने तत्काल पुलिस को सूचना दी और एंबुलेंस की मदद से छात्र को नज़दीकी अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
प्रत्यक्षदर्शी सुरेश चौहान का कहना है, “टक्कर इतनी जोरदार थी कि बाइक के परखच्चे उड़ गए। हेलमेट पहनने के बावजूद छात्र को गंभीर चोटें आईं।”
बढ़ते सड़क हादसों पर चिंता
उत्तराखंड में सड़क हादसे लगातार बढ़ रहे हैं। परिवहन विभाग के अनुसार, हर साल राज्य में हजारों सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें सैकड़ों लोग अपनी जान गंवाते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इसके पीछे तेज रफ्तार, लापरवाही और सड़क सुरक्षा नियमों की अनदेखी प्रमुख कारण हैं।
यातायात विशेषज्ञ प्रो. अजय रावत बताते हैं, “सड़कें पहाड़ी होने के कारण यहां वाहन चलाना पहले से ही चुनौतीपूर्ण है। ऐसे में तेज रफ्तार और लापरवाही घातक साबित होती है।”
परिवार और दोस्तों में मातम
छात्र की मौत की खबर मिलते ही परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। यूनिवर्सिटी के सहपाठियों और शिक्षकों ने भी गहरा शोक व्यक्त किया। विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा है कि इस घटना ने उन्हें झकझोर दिया है और अब वे छात्रों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाने पर विचार करेंगे।
प्रशासन और पुलिस की प्रतिक्रिया
पुलिस ने हादसे की जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि वाहन चालक की पहचान कर ली गई है और उसके खिलाफ लापरवाही से गाड़ी चलाने के मामले में कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस अधीक्षक ने बताया, “हम लगातार सड़क सुरक्षा को लेकर अभियान चला रहे हैं। लेकिन लोगों को भी यातायात नियमों का पालन करना होगा, तभी ऐसे हादसों पर रोक लग सकेगी।”
निष्कर्ष
यह घटना एक बार फिर हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि सड़क पर जरा-सी लापरवाही भी किसी की जान ले सकती है। विशेषकर युवाओं को चाहिए कि वे तेज रफ्तार से बचें, हेलमेट और सीट बेल्ट का सही तरीके से इस्तेमाल करें और यातायात नियमों का पालन करें।
सवाल यह भी है कि क्या प्रशासन और समाज मिलकर सड़क हादसों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएंगे, या फिर ऐसे हादसे आगे भी ज़िंदगियां छीनते रहेंगे?