हल्द्वानी, उत्तराखंड – MBPG कॉलेज में छात्रसंघ चुनावों के दौरान माहौल गंभीर रूप से तनावपूर्ण हो गया। मतदान शुरू होते ही छात्रों और कैंडिडेट्...
हल्द्वानी, उत्तराखंड – MBPG कॉलेज में छात्रसंघ चुनावों के दौरान माहौल गंभीर रूप से तनावपूर्ण हो गया। मतदान शुरू होते ही छात्रों और कैंडिडेट्स के बीच बहस और हंगामे की घटनाएँ सामने आईं। वहीं प्रशासन और चुनाव पर्यवेक्षकों ने फर्जी वोटरों की भी पहचान की, जिससे चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठने लगे।
चुनाव स्थल पर तनाव
चुनाव प्रक्रिया के पहले ही कुछ छात्रों ने आरोप लगाया कि कई स्थानों पर कैंडिडेट्स के समर्थक अपनी ताकत दिखाने लगे। मतदान केंद्र पर छात्र-छात्राओं में धक्का-मुक्की और जोर-जबरदस्ती जैसी घटनाएँ देखी गईं।
एक छात्र ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “हम केवल अपने पसंद के उम्मीदवार को वोट देना चाहते थे, लेकिन कुछ लोग बाहरी समर्थन और दबाव का इस्तेमाल कर रहे थे। इससे मतदान शांति से नहीं हो पा रहा है।”
फर्जी वोटर की पहचान
चुनाव पर्यवेक्षकों और कॉलेज प्रशासन ने कुछ ऐसे व्यक्तियों की पहचान की, जिन्होंने अपने वोट देने का अधिकार नहीं होने के बावजूद मतदान करने की कोशिश की। इन फर्जी वोटरों के खिलाफ कार्यवाही शुरू कर दी गई है।
प्राचार्य डॉ. मनीष कुमार ने बताया, “हमने तुरंत कार्रवाई की और नियमों के अनुसार फर्जी वोटर को रोका। हमारी प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि चुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी हो।”
प्रशासन और सुरक्षा बलों की भूमिका
पुलिस और कॉलेज सुरक्षा कर्मियों को कॉलेज परिसर में तैनात किया गया। उन्होंने सुनिश्चित किया कि बाहरी लोग परिसर में प्रवेश न कर सकें और छात्रों की सुरक्षा बनी रहे। एसएसपी हल्द्वानी ने कहा, “हम पूरी निगरानी रख रहे हैं और किसी भी अनियमितता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
छात्रों और अभिभावकों की प्रतिक्रिया
छात्र और उनके अभिभावक मतदान प्रक्रिया में पारदर्शिता की मांग कर रहे हैं। कई लोगों ने कहा कि ऐसे हंगामे और फर्जी वोटर की घटनाएँ छात्र राजनीति की साख को नुकसान पहुँचाती हैं।
छात्रा प्रिया सिंह ने कहा, “हमें उम्मीद है कि प्रशासन निष्पक्षता बनाए रखेगा और हमारा वोट सही तरीके से गिना जाएगा।”
निष्कर्ष
MBPG कॉलेज में छात्रसंघ चुनावों का यह दौर यह दिखाता है कि युवाओं में राजनीतिक उत्साह है, लेकिन सही निगरानी और पारदर्शिता सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है। कॉलेज प्रशासन और पुलिस की तत्परता ने स्थिति को संभाला, लेकिन फर्जी वोटर और हंगामे जैसी घटनाएँ भविष्य के लिए चेतावनी हैं।
यह चुनाव यह संदेश देता है कि लोकतंत्र की शुरुआत युवा पीढ़ी में होती है, लेकिन उसे सुरक्षित, निष्पक्ष और पारदर्शी रखना सभी की जिम्मेदारी है।