देहरादून से बड़ी खबर सामने आई है। उत्तराखंड में लंबे समय से अटकी भर्तियों को लेकर अब नई शुरुआत होने जा रही है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि कई...
देहरादून से बड़ी खबर सामने आई है। उत्तराखंड में लंबे समय से अटकी भर्तियों को लेकर अब नई शुरुआत होने जा रही है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि कई विभागों में रिक्त पदों पर भर्तियां उत्तराखंड लोक सेवा आयोग (UKPSC) के माध्यम से की जाएंगी। इस फैसले ने बेरोजगार युवाओं में उम्मीद की नई किरण जगा दी है।
कौन-कौन सी भर्तियां होंगी आयोग से
सूत्रों के अनुसार, शिक्षा, राजस्व, स्वास्थ्य और पुलिस विभाग में कई पद खाली हैं। इन पदों के लिए अधियाचन (रिक्वेस्ट) आयोग को भेज दिया गया है। उम्मीद है कि आने वाले महीनों में विज्ञप्ति जारी होगी और परीक्षा कैलेंडर भी घोषित किया जाएगा।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “सरकार की प्राथमिकता युवाओं को पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से अवसर उपलब्ध कराना है। आयोग से भर्ती कराने का मकसद यही है कि किसी भी तरह की गड़बड़ी की गुंजाइश न रहे।”
पारदर्शिता पर जोर
बीते कुछ सालों में भर्ती प्रक्रियाओं को लेकर विवाद और पेपर लीक जैसी घटनाओं ने युवाओं का भरोसा तोड़ा था। यही वजह है कि अब सरकार और आयोग दोनों इस बार पूरी सतर्कता बरतने की बात कह रहे हैं। परीक्षाओं की निगरानी, ऑनलाइन प्रक्रियाओं और कड़े सुरक्षा इंतज़ामों पर खास ध्यान दिया जा रहा है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि पारदर्शिता और विश्वास बहाल करना इस समय सबसे बड़ी चुनौती है। अगर यह प्रक्रिया बिना किसी विवाद के पूरी होती है तो यह सरकार के लिए बड़ी उपलब्धि होगी।
युवाओं की प्रतिक्रिया
देहरादून के एक प्रतियोगी छात्र सौरभ ने कहा, “हम लंबे समय से तैयारी कर रहे हैं। पिछली भर्तियों में लगातार देरी और विवाद के कारण निराशा बढ़ गई थी। लेकिन अब आयोग से भर्तियों की खबर आई है तो उम्मीद है कि प्रक्रिया ईमानदारी से पूरी होगी।”
इसी तरह, कई युवाओं ने सोशल मीडिया पर भी अपनी प्रतिक्रियाएँ दीं और इस फैसले का स्वागत किया।
आगे का रास्ता
जानकारों का कहना है कि सरकार को अब यह सुनिश्चित करना होगा कि भर्ती कैलेंडर समय पर लागू हो और प्रक्रिया में देरी न हो। आयोग को भी पारदर्शिता और दक्षता के साथ काम करना होगा ताकि युवाओं का विश्वास बना रहे।
निष्कर्ष
उत्तराखंड में नई भर्तियों की शुरुआत बेरोजगार युवाओं के लिए राहत भरी खबर है। यह सिर्फ नौकरी पाने का मौका नहीं है, बल्कि व्यवस्था में विश्वास बहाल करने का भी अवसर है। अब सबकी निगाहें इस बात पर हैं कि आयोग कितनी तेजी और निष्पक्षता से इन भर्तियों को अंजाम देता है।