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देहरादून: अगले दो दिन में उत्तराखंड में मानसून वापसी संभव

मौसम का मिज़ाज एक बार फिर बदलने वाला है। उत्तराखंड में अगले दो दिन में मानसून की वापसी की संभावना जताई जा रही है। हालाँकि मैदानी इलाकों में...

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ChaloPahad Team
September 27, 2025
Sep 27, 2025 | Uttarakhand News
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देहरादून: अगले दो दिन में उत्तराखंड में मानसून वापसी संभव

मौसम का मिज़ाज एक बार फिर बदलने वाला है। उत्तराखंड में अगले दो दिन में मानसून की वापसी की संभावना जताई जा रही है। हालाँकि मैदानी इलाकों में अभी भी तेज़ गर्मी का असर है, लेकिन पहाड़ों में हल्की से मध्यम बारिश का अनुमान है। यह खबर किसानों और आम जनता दोनों के लिए अहम है, क्योंकि बारिश से जहाँ खेतों को नमी मिलेगी, वहीं यात्रा और जीवन पर असर भी पड़ सकता है।

मौसम विभाग का पूर्वानुमान

मौसम विभाग के अनुसार गढ़वाल और कुमाऊँ के ऊँचे इलाकों—चमोली, पिथौरागढ़ और बागेश्वर में बादल छाए रहेंगे और कहीं-कहीं बारिश हो सकती है। दूसरी ओर मैदानी ज़िलों में तापमान 35 डिग्री तक पहुंच चुका है, जिससे उमस और गर्मी का असर बना हुआ है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगले दो दिन में मौसमी सक्रियता बढ़ सकती है और राज्य से मानसून पूरी तरह विदा नहीं होगा।

सितंबर की बारिश का रिकॉर्ड

इस साल सितंबर महीने में उत्तराखंड ने सामान्य से लगभग 44 प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की है। यह आँकड़ा बताता है कि राज्य ने औसत से ज्यादा नमी प्राप्त की है। मौसम विभाग के डेटा के अनुसार, पूरे सीज़न में भी बारिश का स्तर सामान्य से ऊपर रहा। पहाड़ी क्षेत्रों में मॉनसून की विदाई प्रक्रिया अभी तक पूरी तरह से नहीं हुई है और अगले कुछ दिन तक सक्रिय रह सकती है।

असर: राहत और जोखिम दोनों

कृषि पर असर: किसानों के लिए यह बारिश वरदान साबित हो सकती है। धान और सब्ज़ियों जैसी फसलें अतिरिक्त नमी से लाभान्वित होंगी।

प्राकृतिक खतरे: बारिश से भूस्खलन और सड़क अवरोध जैसी समस्याएँ फिर से बढ़ सकती हैं। खासकर हिल स्टेशनों और नदी घाटियों के पास रहने वालों को सतर्क रहने की ज़रूरत है।

यात्रा और दैनिक जीवन: हाईवे और घाटी मार्गों पर बारिश के कारण फिसलन और जलभराव की स्थिति बन सकती है। आम जनता को अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी जा रही है।

मौसम विशेषज्ञ दीपक शर्मा का कहना है, “जब मौसमी प्रणालियाँ आपस में टकराती हैं, तो अचानक बारिश की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे हालात में सतर्कता ही सबसे बड़ा उपाय है।”

निष्कर्ष

उत्तराखंड में मानसून की वापसी राहत के साथ चुनौतियाँ भी लेकर आएगी। किसानों के लिए यह बारिश उम्मीद जगाती है, लेकिन प्रशासन और जनता को इससे जुड़ी आशंकाओं के प्रति सजग रहना होगा। आने वाले दो दिन प्रदेश के मौसम की दिशा तय करेंगे—और यह याद रखना होगा कि बारिश का स्वागत करने के साथ-साथ उसकी चुनौतियों से निपटने की तैयारी भी ज़रूरी है।

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