देहरादून, [ताज़ा] — केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने केंद्रीय कर्मियों और पात्र सेवानिवृत्त कर्मचारियों को बड़ी राहत देते हुए Unified Pension Sche...
देहरादून, [ताज़ा] — केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने केंद्रीय कर्मियों और पात्र सेवानिवृत्त कर्मचारियों को बड़ी राहत देते हुए Unified Pension Scheme (UPS) में शामिल होने की अंतिम तारीख बढ़ा दी है। अब इच्छुक कर्मचारी और पेंशनभोगी 30 नवंबर 2025 तक इस विकल्प का लाभ ले सकेंगे। सरकार का कहना है कि समय बढ़ाने का मकसद अधिक से अधिक कर्मचारियों को सुविधा देना है ताकि वे सोच-समझकर फैसला ले सकें।
किनको मिलेगा यह मौका
सरकारी आदेश के अनुसार यह बढ़ी हुई डेडलाइन वर्तमान कर्मचारियों, पूर्व सेवानिवृत्त कर्मियों और पात्र जीवनसाथी पर लागू होगी। इच्छुक लोग मौजूदा National Pension System (NPS) से हटकर UPS के तहत तय पेंशन का विकल्प चुन सकते हैं। यह प्रक्रिया नियमों और शर्तों के अधीन होगी।
कैसे बढ़ी डेडलाइन
पहले UPS में विकल्प देने की अंतिम तारीख जून तय की गई थी। लेकिन कर्मचारियों से मिल रहे सुझावों और दस्तावेजी प्रक्रिया में आ रही दिक्कतों को देखते हुए इसे पहले सितंबर और अब नवंबर तक बढ़ा दिया गया है।
विकल्प भरते समय किन बातों पर ध्यान दें
किसे फायदा होगा: UPS में शामिल होने पर रिटायरमेंट के बाद तय पेंशन मिलती है। जबकि NPS में रिटर्न बाजार पर निर्भर करते हैं।
प्रक्रिया: आवेदन करने के लिए कर्मचारियों को आधिकारिक फॉर्म भरकर विभाग को जमा करना होगा।
बदलाव की सीमा: एक बार UPS का विकल्प चुनने के बाद दोबारा NPS में लौटना आसान नहीं होगा। इसलिए निर्णय सोच-समझकर लेना जरूरी है।
सरकार और विशेषज्ञों की राय
सरकार का कहना है कि कर्मचारियों को सूचित निर्णय लेने के लिए समय और जानकारी दोनों जरूरी हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि तय पेंशन का विकल्प मानसिक सुरक्षा देता है, लेकिन इससे बजटीय भार भी बढ़ सकता है। इसलिए नियमों, टैक्स और दीर्घकालिक प्रभावों पर ध्यान देना जरूरी है।
कर्मचारियों के लिए ज़रूरी सलाह
आगे की योजना
वित्त मंत्रालय ने संबंधित विभागों को तकनीकी और प्रशासनिक व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं। ताकि कर्मचारियों को आवेदन प्रक्रिया में कोई परेशानी न हो और सिस्टम सुचारू रूप से काम करे।
निष्कर्ष: UPS की डेडलाइन बढ़ने से कर्मचारियों को अपने भविष्य की पेंशन योजना पर गहराई से सोचने का समय मिल गया है। हालांकि, निर्णय लेने से पहले सभी पहलुओं को समझना ज़रूरी है ताकि रिटायरमेंट के बाद आर्थिक स्थिरता बनी रहे।