Uttarakhand News

देहरादून: शासन ने किया बड़ा प्रशासनिक फेरबदल — 44 अधिकारियों के तबादले, तीन जिलों के डीएम बदले गए

देहरादून, [ताज़ा] — राज्य सरकार ने आज प्रशासन में बड़ा फेरबदल करते हुए 44 अधिकारियों के तबादले किए हैं। इस सूची में कई विभागों के वरिष्ठ व म...

author
ChaloPahad Team
October 12, 2025
Oct 12, 2025 | Uttarakhand News
Estimated read: 9 min
देहरादून: शासन ने किया बड़ा प्रशासनिक फेरबदल — 44 अधिकारियों के तबादले, तीन जिलों के डीएम बदले गए

देहरादून, [ताज़ा] — राज्य सरकार ने आज प्रशासन में बड़ा फेरबदल करते हुए 44 अधिकारियों के तबादले किए हैं। इस सूची में कई विभागों के वरिष्ठ व मध्यम स्तर के अधिकारी शामिल हैं, साथ ही तीन जिलों के जिलाधिकारी (DM) भी बदले गए हैं। सरकार ने कहा है कि यह कदम प्रशासन में ऊर्जा व ताजगी लाने और स्थानीय समस्याओं के त्वरित समाधान के उद्देश्य से उठाया गया है।


क्या बदला — प्रमुख बिंदु

  • कुल 44 अधिकारियों का स्थानांतरण किया गया।
  • तीन जिलों के जिलाधिकारी बदले गए; इन जिलों का नाम और नए डीएम की तैनाती शासनादेश में दिये गए हैं।
  • आदेशों में यह निर्देश भी शामिल है कि नए अधिकारी तुरंत अपने कार्यभार ग्रहण कर आवश्यक निरीक्षण और ब्रीफिंग लें।


सरकार का पक्ष

शासन ने इस कदम को नियमित प्रशासनिक कार्यप्रणाली का हिस्सा बताया और कहा कि समय-समय पर अधिकारियों के ट्रांसफर से प्रशासनिक प्रतिस्पर्धा बनी रहती है और विभिन्न जिलों व विभागों के कामकाज में नई दिशा आती है। अधिकारियों की तैनाती का उद्देश्य विकास परियोजनाओं, कानून-व्यवस्था और लोकसेवा की गुणवत्ता में सुधार लाना बताया गया है।


जमीन पर क्या असर पड़ेगा

कागजी हस्तांतरण के बाद शुरुआती दिनों में समन्वय पर असर: नई टीमों को स्थानीय समस्याओं का हिसाब लेने और कार्य-योजना बनाने में कुछ समय लगेगा। इससे अस्थायी विलंब संभव है, पर प्रशासन का मानना है कि शीघ्र ही कामकाज पटरी पर लौट आएगा।


विकास परियोजनाओं और योजनाओं की समीक्षा: नए जिलाधिकारियों द्वारा प्राथमिकता तय करने से कुछ परियोजनाओं की रफ्तार बदल सकती है  कुछ को त्वरित धक्का मिलेगा तो कुछ स्थानांतरण के दौरान दो-चार दिन रुके रह सकते हैं।


लोक शिकायतों पर प्रभाव: नए अधिकारी स्थानीय स्तर पर जाकर प्राथमिक समस्याओं की समीक्षा करेंगे; शहरी व ग्रामीण शिकायतों के निपटारे में नई पहल देखने को मिल सकती है।


विशेषज्ञ-मूल्यांकन (सामान्य रुख)

प्रशासनिक मामलों के जानकार मानते हैं कि नियमित अंतराल पर किए जाने वाले तबादले जरूरी होते हैं ताकि अधिकारी किसी एक स्थान पर लंबे समय तक जम न जाएँ और निर्णय लेने की ताज़गी बनी रहे। पर उनका यह भी कहना है कि ट्रांज़िशन (हस्तांतरण) की योजना मसलन लंबित मामलों की सुपुर्दगी, विस्तृत ब्रिफिंग और टीम-हैंडओवर—न होने पर नागरिकों को असुविधा उठानी पड़ सकती है।


जनता और अधिकारी वर्ग की प्रतिक्रिया

स्थानीय स्तर पर अधिकारी तबादले जैसे फैसलों पर मिश्रित प्रतिक्रिया रहती है। कुछ नागरिक उम्मीद जताते हैं कि नए अधिकारियों से सक्रियता बढ़ेगी और लोकल समस्याएँ जल्द सुलझेंगी; वहीं कुछ कर्मचारी और स्थानीय हितधारक इस बदलाव से अस्थायी अनिश्चितता की बात कहते हैं। प्रशासन ने सभी विभागों को कहा है कि वे त्वरित प्रभावी ट्रांजिशन सुनिश्चित करें ताकि सेवाओं में व्यवधान न आए।


आगे का क्रम

शासन ने संबंधित विभागों को निर्देश दिए हैं कि वे नए अधिकारियों के हस्तांतरण को 15–30 दिनों के भीतर पूर्ण करें और उच्चाधिकारियों को आंशिक रिपोर्ट भेजें। इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि यदि किसी स्थानांतरण से जुड़ी आपत्तियाँ हों तो विभागीय नियमों के अनुसार उनका निपटान किया जाएगा।


नोट: यह रिपोर्ट शासन के जारी आदेशों और प्रशासनिक रुख के आधार पर तैयार की गई है। जैसे ही तबादलों की पूर्ण सूची और जिलेवार नाम जारी होंगे, हम विस्तृत सूची व असर पर फॉलो-अप रिपोर्ट प्रकाशित करेंगे।

#mountains #travel