देहरादून, [ताज़ा] — उत्तराखण्ड के एक ग्रामीण इलाके में सोमवार सुबह लोगों को चौंका देने वाला नजारा देखा गया — एक बड़ा अजगर (Python) किसी घर क...
देहरादून, [ताज़ा] — उत्तराखण्ड के एक ग्रामीण इलाके में सोमवार सुबह लोगों को चौंका देने वाला नजारा देखा गया — एक बड़ा अजगर (Python) किसी घर के पास पाया गया। घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम और अनुभवी स्नेक कैचर मौके पर पहुंच गए और देर शाम तक सावधानीपूर्वक रेस्क्यू कर उस अजगर को कब्जे में लेकर सुरक्षित जंगल में छोड़ दिया गया। किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।
कैसे पता चला घटना का
स्थानीय निवासी ने सुबह अपने घर के पास बैठे हुए अजगर को देखा और इस बारे में तुरंत आशंका जताते हुए प्रशासन को खबर की। धीरे-धीरे आसपास के लोगों की भीड़ इकट्ठी हो गई, लेकिन स्थानीय लोगों ने विभाग के आने तक दूरी बनाए रखी जिससे अजगर को अनावश्यक तनाव नहीं हुआ।
रेस्क्यू का तरीका
वन विभाग ने बताया कि टीम ने अनुभवी स्नेक कैचर और आवश्यक उपकरणों के साथ जैसे पकड़ने के लिए विशेष लूप, कंबल और सुरक्षित परिवहन बॉक्स कार्रवाई की। विभाग ने घटना स्थल पर शांत वातावरण बनाए रखा और अजगर को किसी भी तरह की चोट पहुंचाए बिना पकड़कर ट्रांज़िट बॉक्स में रखा। इसके बाद उसे नजदीकी वन क्षेत्र में पिंजराबंद जगह पर छोड़ा गया जहाँ भोजन और प्राकृतिक आवास की बेहतर उपलब्धता है।
स्थानीय लोगों का हाल और सुरक्षा
घटना के दौरान कोई व्यक्ति घायल नहीं हुआ। परिजनों ने पहले कुछ घबराहट का इज़हार किया, लेकिन बाद में विभाग की त्वरित कार्रवाई से राहत मिली। कई गांववासियों ने वन विभाग व रेस्क्यू टीम की प्रशंसा की और कहा कि टीम ने बहुत ही पेशेवर तरीके से काम किया।
क्यों घर के पास आया अजगर — विशेषज्ञ क्या कहते हैं
वन्यजीव विशेषज्ञों के अनुसार ऐसे मामले आमतौर पर तब होते हैं जब वन्य आवास और मानवीय बस्तियों के बीच दूरी घट जाती है, या खाने के स्रोत (जैसे चूहे, पालतू पशु) घरों के नज़दीक उपलब्ध हो जाते हैं। यह भी संभव है कि बढ़ते मानव दबाव और आवास विस्तार के कारण सांप अपने पारंपरिक रास्तों से हटकर आवासीय इलाकों में आ जाएँ। विशेषज्ञ कहते हैं कि आम तौर पर अजगर इंसान पर हमला करना पसंद नहीं करते; वे अधिकतर शिकार की तलाश या सुरक्षा हेतु बाहर निकलते हैं।
वन विभाग की अपील — क्या करें और क्या न करें
निष्कर्ष
यह घटना याद दिलाती है कि पहाड़ी व वन्य इलाकों के समीप बसी बस्तियों में वन्यजीवों के साथ सहअस्तित्व की चुनौती लगातार बनी रहती है। वन विभाग और स्थानीय समुदाय के बीच बेहतर समन्वय, जागरूकता और जोखिम-नियोजन से ऐसे घटनाओं को सुरक्षित तरीके से संभाला जा सकता है और न तो मानव जीवन खतरे में पड़े और न ही वन्यजीवों को अनावश्यक पीड़ा हो। वन विभाग ने आश्वासन दिया है कि वह इलाके में निगरानी बढ़ाएगा और जरूरत पड़ने पर समुदाय को प्रशिक्षण व बचाव-सम्पर्क उपलब्ध करवाएगा।