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देहरादून: बी-टेक छात्रा की संदिग्ध मौत से मचा हड़कंप, कॉलेज और पुलिस जांच में जुटे

देहरादून, 12 अक्टूबर 2025  देहरादून के सुद्धोवाला इलाके में एक बी-टेक छात्रा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत ने पूरे इलाके को झकझोर दिय...

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ChaloPahad Team
October 11, 2025
Oct 11, 2025 | Uttarakhand News
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देहरादून: बी-टेक छात्रा की संदिग्ध मौत से मचा हड़कंप, कॉलेज और पुलिस जांच में जुटे

देहरादून, 12 अक्टूबर 2025  देहरादून के सुद्धोवाला इलाके में एक बी-टेक छात्रा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत ने पूरे इलाके को झकझोर दिया। छात्रा का शव हॉस्टल के कमरे में मिलने के बाद कॉलेज में सन्नाटा फैल गया। परिजन इस घटना से गहरे सदमे में हैं। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।


घटना की जानकारी मिलने के तुरंत बाद कॉलेज प्रशासन और पुलिस मौके पर पहुंचे। शुरुआती जांच में मामला आत्महत्या का लग रहा है, लेकिन अधिकारियों ने साफ कहा है कि असली कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट और विस्तृत जांच के बाद ही स्पष्ट होगा। शव को कब्जे में लेकर अस्पताल भेज दिया गया है।


कॉलेज के छात्रों और शिक्षकों के लिए यह घटना किसी सदमे से कम नहीं। साथ पढ़ने वाले छात्रों ने बताया कि लड़की शांत स्वभाव की थी और हाल के दिनों में उसने किसी परेशानी का ज़िक्र नहीं किया था। दूसरी ओर, परिजन यह मानने को तैयार नहीं कि उनकी बेटी ऐसा कदम उठा सकती थी। वे हर संभव जवाब चाहते हैं।


पुलिस ने जांच में कोई ढिलाई न बरतने का आश्वासन दिया है। मोबाइल कॉल रिकॉर्ड, सीसीटीवी फुटेज और कमरे से मिले सामान की बारीकी से पड़ताल की जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि हर पहलू को ध्यान में रखकर जांच होगी ताकि सच्चाई सामने आ सके।


इस घटना ने एक बार फिर छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। राज्य में बीते महीनों में कई बार कॉलेजों और हॉस्टलों में छात्रों की मौत की खबरें सामने आ चुकी हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि पढ़ाई का दबाव, अकेलापन और भावनात्मक तनाव जैसी वजहें छात्रों को भीतर ही भीतर तोड़ देती हैं।


मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे हालात में कॉलेज प्रशासन को सतर्क और संवेदनशील भूमिका निभानी चाहिए। काउंसलिंग सेवाएं सक्रिय की जाएं, छात्रों से खुला संवाद रखा जाए और शुरुआती संकेतों पर तुरंत ध्यान दिया जाए। कई बार समय पर की गई छोटी-सी बात भी बड़ी त्रासदी को टाल सकती है।


पुलिस और कॉलेज दोनों ने कहा है कि जांच पूरी पारदर्शिता से होगी। कॉलेज ने हॉस्टल में सुरक्षा और काउंसलिंग सिस्टम की समीक्षा शुरू कर दी है।


इस घटना ने न सिर्फ एक परिवार को तोड़ा है, बल्कि एक बार फिर पूरे शिक्षा तंत्र को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर हमारे बच्चे किस चुप्पी में डूबे हैं, जिसे हम सुन नहीं पा रहे।


अगर आप या आपका कोई परिचित किसी मानसिक संकट से गुजर रहा है, तो तुरंत मदद लें। आपातकालीन नंबर 112 पर कॉल करें, नजदीकी अस्पताल जाएं या अपने संस्थान के काउंसलर से बात करें। किसी को भी इस संघर्ष में अकेला न छोड़ें।


यह रिपोर्ट मामले की आगे की जांच और आधिकारिक अपडेट के साथ आगे बढ़ाई जाएगी।

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