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देहरादून: मुख्यमंत्री धामी का कड़ा एक्शन, एक और अधिकारी निलंबित

देहरादून, 25 सितंबर 2025: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) द्वारा आयोजित स्नातक स्तरीय परीक्षा में पेपर लीक मामले में मुख्यमंत्री पु...

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ChaloPahad Team
September 25, 2025
Sep 25, 2025 | Uttarakhand News
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देहरादून: मुख्यमंत्री धामी का कड़ा एक्शन, एक और अधिकारी निलंबित

देहरादून, 25 सितंबर 2025: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) द्वारा आयोजित स्नातक स्तरीय परीक्षा में पेपर लीक मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक और अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। इस बार हरिद्वार जिले के आदर्श बाल सदन इंटर कॉलेज परीक्षा केंद्र के सेक्टर मजिस्ट्रेट को निलंबित कर दिया गया है। यह कदम राज्य सरकार की परीक्षा प्रणाली में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जा रहा है।

पेपर लीक का खुलासा

21 सितंबर 2025 को आयोजित स्नातक स्तरीय परीक्षा के दौरान हरिद्वार के आदर्श बाल सदन इंटर कॉलेज परीक्षा केंद्र से प्रश्नपत्र के तीन पन्नों के मोबाइल से फोटो खींचकर बाहर भेजे जाने का मामला सामने आया था। जांच में यह पाया गया कि संबंधित सेक्टर मजिस्ट्रेट केएन तिवारी ने परीक्षा केंद्र की निगरानी में लापरवाही बरती, जिससे यह घटना संभव हो पाई।

निलंबन और जांच की प्रक्रिया

मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर कार्मिक विभाग ने केएन तिवारी को निलंबित कर दिया है और उनके खिलाफ जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) गठित किया गया है। SIT को एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। इस कार्रवाई से राज्य सरकार ने यह संदेश दिया है कि परीक्षा में किसी भी प्रकार की अनियमितता या लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

युवाओं का आक्रोश और सरकार की प्रतिक्रिया

इस मामले के सामने आने के बाद बेरोजगार संघ के नेतृत्व में सैकड़ों युवाओं ने देहरादून के परेड ग्राउंड में धरना प्रदर्शन शुरू किया था। उनका मुख्य मांग पत्र में शामिल था:

प्रतियोगी परीक्षाओं में हुई अनियमितताओं की सीबीआई जांच की तत्काल संस्तुति।

स्नातक स्तरीय परीक्षा को तत्काल निरस्त कर एक माह में पुनः परीक्षा आयोजित की जाए।

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष से तत्काल इस्तीफा लिया जाए।

आरक्षी भर्ती नियमावली को तत्काल संशोधित किया जाए।

हालांकि, मुख्यमंत्री धामी से प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात के बाद भी बेरोजगार संघ के अध्यक्ष राम कंडवाल ने आरोप लगाया कि सरकार की ओर से कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला है, जिससे युवाओं में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।

निष्कर्ष

उत्तराखंड सरकार की यह कार्रवाई परीक्षा प्रणाली में सुधार और पारदर्शिता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। हालांकि, बेरोजगार संघ की मांगों पर सरकार की प्रतिक्रिया अभी भी संतोषजनक नहीं मानी जा रही है। यह देखना होगा कि SIT की जांच और अन्य लंबित मांगों पर सरकार कब और कैसे कार्रवाई करती है। इस बीच, युवाओं का आंदोलन जारी है और वे अपनी आवाज उठाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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