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उत्तराखंड: अस्पताल में बदमाश ने मूंछों पर दिया ताव, वायरल फोटो के बाद ड्यूटी में लापरवाही पर एएसआई सस्पेंड

हलचल मचाने वाली तस्वीर: अस्पताल बना चर्चा का केंद्रउत्तराखंड के एक सरकारी अस्पताल में हाल ही में सामने आई एक तस्वीर ने पूरे राज्य में हड़कंप...

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ChaloPahad Team
October 9, 2025
Oct 9, 2025 | Uttarakhand News
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उत्तराखंड: अस्पताल में बदमाश ने मूंछों पर दिया ताव, वायरल फोटो के बाद ड्यूटी में लापरवाही पर एएसआई सस्पेंड

हलचल मचाने वाली तस्वीर: अस्पताल बना चर्चा का केंद्र


उत्तराखंड के एक सरकारी अस्पताल में हाल ही में सामने आई एक तस्वीर ने पूरे राज्य में हड़कंप मचा दिया। तस्वीर में एक बदमाश पुलिस हिरासत में मूंछों पर ताव देता नजर आया, जबकि पुलिसकर्मी निश्चिंत बैठे दिखाई दिए। सोशल मीडिया पर फोटो वायरल होते ही पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया।

इस घटना ने न केवल सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए, बल्कि पुलिस की लापरवाही का एक और उदाहरण जनता के सामने ला दिया।


क्या है मामला?


सूत्रों के अनुसार, यह मामला हल्द्वानी के एक सरकारी अस्पताल का है, जहां एक गिरफ्तार बदमाश को इलाज के लिए लाया गया था। अस्पताल परिसर में उसकी यह तस्वीर वायरल हो गई, जिसमें वह मूंछों पर ताव देते हुए कैमरे की ओर देखकर मुस्कुरा रहा था।

यह तस्वीर देखते ही सोशल मीडिया यूजर्स ने पुलिस की ड्यूटी पर सवाल उठाने शुरू कर दिए। कई लोगों ने टिप्पणी की कि यह "कानून व्यवस्था का मजाक" है।


पुलिस विभाग में मचा हड़कंप, एएसआई निलंबित


वायरल फोटो के बाद वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने तत्काल जांच के आदेश दिए। प्राथमिक जांच में पाया गया कि ड्यूटी पर मौजूद एएसआई ने लापरवाही बरती थी और आरोपित पर पर्याप्त निगरानी नहीं रखी गई।

एसएसपी नैनीताल ने कहा, “हमने मामले की गंभीरता को देखते हुए संबंधित एएसआई को निलंबित कर दिया है। किसी भी स्थिति में ड्यूटी की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”

पुलिस विभाग ने यह भी स्पष्ट किया कि आगे से ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की जाएगी ताकि राज्य की कानून-व्यवस्था पर किसी तरह का सवाल न उठे।


जनता की प्रतिक्रिया: सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस


जैसे ही तस्वीर वायरल हुई, ट्विटर (अब एक्स) और फेसबुक पर लोगों की प्रतिक्रियाएं उमड़ पड़ीं।

कई यूजर्स ने लिखा कि “यह पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है।” वहीं कुछ लोगों ने कहा कि “यदि अपराधी ऐसे आत्मविश्वास से पेश आएंगे, तो आम नागरिकों में भय कैसे रहेगा?”

एक स्थानीय नागरिक ने कहा, “हम पुलिस पर भरोसा करते हैं, लेकिन इस तरह की घटनाएं उस भरोसे को कमजोर करती हैं। अगर जेल में या अस्पताल में भी अपराधी इतने निश्चिंत हों, तो यह चिंता का विषय है।”


विशेषज्ञों की राय: ड्यूटी में अनुशासन की जरूरत


पूर्व पुलिस अधिकारी आर.के. मेहता का कहना है कि इस तरह की घटनाएं पुलिस की छवि को नुकसान पहुंचाती हैं।

उन्होंने कहा, “कानून का पालन करवाने वालों को खुद अनुशासन का प्रतीक होना चाहिए। किसी भी स्तर पर ढिलाई से जनता का विश्वास डगमगा जाता है।”

उन्होंने यह भी जोड़ा कि ऐसे मामलों से बचने के लिए पुलिस कर्मियों के लिए नियमित प्रशिक्षण और सख्त निगरानी तंत्र की जरूरत है।


निष्कर्ष:


अस्पताल में एक आरोपी की मूंछों पर ताव देती तस्वीर ने पूरे उत्तराखंड की पुलिस व्यवस्था को झकझोर कर रख दिया है। यह घटना केवल एक एएसआई की गलती नहीं, बल्कि एक चेतावनी है कि जनता के विश्वास और कानून की गरिमा को बनाए रखने के लिए हर अधिकारी को अपनी जिम्मेदारी का बोध होना चाहिए।

यह मामला स्पष्ट संदेश देता है — पुलिस की वर्दी केवल अधिकार का प्रतीक नहीं, बल्कि अनुशासन और उत्तरदायित्व की पहचान है।

अब देखना यह होगा कि उत्तराखंड पुलिस इस घटना से क्या सबक लेकर आगे अपने सिस्टम को कितना सुदृढ़ बनाती है।


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