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उत्तराखंड: सिडकुल हादसे में पिथौरागढ़ के युवक की दर्दनाक मौत, परिजनों में मचा कोहराम

रुद्रपुर (उधमसिंह नगर):उत्तराखंड के सिडकुल औद्योगिक क्षेत्र में उस वक्त हड़कंप मच गया जब एक दर्दनाक हादसे में पिथौरागढ़ के रहने वाले एक युवक...

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ChaloPahad Team
October 9, 2025
Oct 9, 2025 | Uttarakhand News
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उत्तराखंड: सिडकुल हादसे में पिथौरागढ़ के युवक की दर्दनाक मौत, परिजनों में मचा कोहराम

रुद्रपुर (उधमसिंह नगर):

उत्तराखंड के सिडकुल औद्योगिक क्षेत्र में उस वक्त हड़कंप मच गया जब एक दर्दनाक हादसे में पिथौरागढ़ के रहने वाले एक युवक की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि युवक एक निजी कंपनी में कार्यरत था और ड्यूटी के दौरान मशीन में फंसने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई। हादसे के बाद क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई, वहीं कंपनी प्रशासन और श्रम विभाग पर सुरक्षा लापरवाही के गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।


ड्यूटी के दौरान हुआ हादसा

सूत्रों के अनुसार, मृतक युवक की पहचान दीपक सिंह (उम्र 26 वर्ष) निवासी पिथौरागढ़ के रूप में हुई है। वह सिडकुल की एक औद्योगिक यूनिट में पिछले एक वर्ष से कार्यरत था। घटना उस समय हुई जब वह मशीन पर काम कर रहा था, तभी अचानक तकनीकी खराबी आने से उसका हाथ मशीन में फंस गया। साथी कर्मचारियों ने उसे निकालने की कोशिश की, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी।

एक चश्मदीद कर्मचारी राजेश कुमार ने बताया, “मशीन से अजीब आवाज आई और दीपक उसमे फंस गया। हम लोग चिल्लाए, लेकिन तब तक उसका शरीर बुरी तरह जख्मी हो चुका था।”


फैक्ट्री परिसर में मचा हड़कंप

हादसे के बाद फैक्ट्री में काम कर रहे कर्मचारियों में दहशत फैल गई। तत्काल प्रबंधन ने घायल को अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

घटना की जानकारी मिलते ही सिडकुल पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू कर दी। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

एसएचओ सिडकुल थाना, ने बताया, “हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची। प्रारंभिक जांच में मशीन में तकनीकी खराबी की बात सामने आई है। आगे की जांच जारी है।”


परिजनों में मातम, प्रशासन पर लापरवाही के आरोप

मृतक के परिजनों को जब हादसे की खबर मिली तो घर में कोहराम मच गया। परिवार का कहना है कि फैक्ट्री में सुरक्षा उपकरणों की भारी कमी थी।

मृतक के चचेरे भाई महेश सिंह ने कहा, “कंपनी में सुरक्षा के इंतजाम बिल्कुल नहीं हैं। हमारे भाई की मौत सिर्फ लापरवाही की वजह से हुई है। दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।”


श्रम विभाग की भूमिका पर भी उठे सवाल

स्थानीय मजदूर संगठनों ने श्रम विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि सिडकुल में कई यूनिट्स सुरक्षा मानकों की खुली धज्जियां उड़ा रही हैं, लेकिन विभागीय अधिकारी आंख मूंदे बैठे हैं।

मजदूर यूनियन अध्यक्ष सुरेश नेगी ने कहा, “हर बार हादसे के बाद जांच की बात होती है, लेकिन न तो किसी पर कार्रवाई होती है और न ही सिस्टम में सुधार। मजदूरों की जान की कोई कीमत नहीं समझी जाती।”


कंपनी प्रशासन का पक्ष

इस घटना पर कंपनी प्रशासन का कहना है कि यह एक दुर्भाग्यपूर्ण हादसा था। उन्होंने बताया कि घटना के तुरंत बाद फैक्ट्री संचालन बंद कर दिया गया है और जांच समिति गठित कर दी गई है।

कंपनी प्रबंधक अनिल वर्मा ने कहा, “हम परिवार के साथ हैं और हर संभव आर्थिक सहायता देंगे। साथ ही, सुरक्षा व्यवस्थाओं की समीक्षा की जा रही है।”


निष्कर्ष:

सिडकुल में हुए इस हादसे ने एक बार फिर औद्योगिक इकाइयों में सुरक्षा मानकों की स्थिति पर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं। हर बार जांच और सुधार की बात होती है, लेकिन जमीनी हकीकत नहीं बदलती।

दीपक सिंह जैसे युवा श्रमिक अपनी रोजी-रोटी के लिए जोखिम भरे माहौल में काम करने को मजबूर हैं। अब समय है कि सरकार, श्रम विभाग और उद्योग प्रबंधन मिलकर ठोस कदम उठाएं, ताकि भविष्य में कोई और परिवार ऐसी त्रासदी का शिकार न बने।

क्या अब भी व्यवस्था जागेगी, या दीपक की मौत भी आंकड़ों में एक नंबर बनकर रह जाएगी?

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