हल्द्वानी:गौरापड़ाव से हाथीखाल तक जाने वाली सड़क की बदहाली से स्थानीय लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। लंबे समय से इस सड़क की मरम्मत न होने के क...
हल्द्वानी:
गौरापड़ाव से हाथीखाल तक जाने वाली सड़क की बदहाली से स्थानीय लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। लंबे समय से इस सड़क की मरम्मत न होने के कारण आवागमन मुश्किल हो गया है। गड्ढों से भरी सड़क बारिश में कीचड़ और जलभराव का केंद्र बन चुकी है, जिससे आम नागरिकों, स्कूली बच्चों और वाहन चालकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों ने प्रशासन से तत्काल सड़क सुधार की मांग उठाई है।
सड़क बनी हादसों का कारण
स्थानीय लोगों के अनुसार, गौरापड़ाव से हाथीखाल के बीच का यह मार्ग आए दिन हादसों का गवाह बन रहा है। जगह-जगह बने गहरे गड्ढों के कारण दोपहिया वाहन चालक अक्सर गिरकर घायल हो जाते हैं।
एक ग्रामीण हरीश तिवारी ने बताया, “हर दिन इस सड़क पर चलना किसी सज़ा से कम नहीं है। बरसात में तो सड़क नदी जैसी बन जाती है। प्रशासन को हमारी समस्या की कोई परवाह नहीं है।”
प्रशासन की अनदेखी पर लोगों में रोष
लोगों का कहना है कि वे कई बार लोक निर्माण विभाग (PWD) और स्थानीय प्रशासन से शिकायत कर चुके हैं, लेकिन अब तक केवल आश्वासन ही मिले हैं।
सविता देवी, एक स्थानीय महिला ने कहा, “हमारे बच्चे स्कूल जाते समय गिर जाते हैं। एंबुलेंस तक इस रास्ते से नहीं आ पाती। कब तक हम इस स्थिति को झेलेंगे?”
जनप्रतिनिधियों पर भी उठे सवाल
ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधियों पर भी नाराज़गी जताई है। उनका कहना है कि चुनाव के दौरान सड़क दुरुस्ती के वादे किए जाते हैं, लेकिन चुनाव खत्म होते ही सभी वादे हवा हो जाते हैं।
ग्राम प्रधान कमल सिंह रावत ने कहा, “यह सड़क क्षेत्र की जीवन रेखा है। रोज़ाना सैकड़ों लोग इसी मार्ग से आते-जाते हैं, लेकिन सरकार ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया।”
अधिकारियों का क्या कहना है
इस मुद्दे पर लोक निर्माण विभाग (PWD) के एक अधिकारी ने बताया कि सड़क की मरम्मत के लिए प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा गया है। उन्होंने कहा, “फंड मिलते ही मरम्मत कार्य शुरू किया जाएगा। फिलहाल सड़क को अस्थाई रूप से मोटरेबल बनाए रखने की कोशिश की जा रही है।”
हालांकि, स्थानीय लोगों का कहना है कि ये वादे पहले भी किए गए थे लेकिन धरातल पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
लोगों ने किया आंदोलन की चेतावनी
गौरापड़ाव और हाथीखाल के निवासियों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द सड़क की मरम्मत नहीं की गई तो वे सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करेंगे। ग्रामीणों ने कहा कि अब वे केवल आश्वासन नहीं, ठोस कार्रवाई चाहते हैं।
निष्कर्ष:
हल्द्वानी के गौरापड़ाव से हाथीखाल तक की सड़क की दुर्दशा प्रशासनिक लापरवाही का स्पष्ट उदाहरण है। यह सिर्फ एक बुनियादी सुविधा का मुद्दा नहीं, बल्कि जनसुरक्षा और विकास से जुड़ा मामला है।
सरकार और संबंधित विभागों को अब जागना होगा, क्योंकि जनता का सब्र अब जवाब दे रहा है। यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो यह मुद्दा बड़ा जनआंदोलन का रूप भी ले सकता है।
एक सवाल सभी के मन में गूंज रहा है — क्या आम जनता को ठीक सड़क पाने के लिए हर बार आंदोलन ही करना होगा?