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उत्तराखंड में दर्दनाक हादसा: 12वीं के छात्र की मौत से मचा कोहराम, परिवार और स्कूल में छाया मातम

देहरादून:उत्तराखंड से एक हृदयविदारक खबर सामने आई है। एक 12वीं कक्षा के छात्र की दर्दनाक मौत ने पूरे क्षेत्र को शोक में डुबो दिया है। यह हादस...

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ChaloPahad Team
October 9, 2025
Oct 9, 2025 | Uttarakhand News
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उत्तराखंड में दर्दनाक हादसा: 12वीं के छात्र की मौत से मचा कोहराम, परिवार और स्कूल में छाया मातम

देहरादून:

उत्तराखंड से एक हृदयविदारक खबर सामने आई है। एक 12वीं कक्षा के छात्र की दर्दनाक मौत ने पूरे क्षेत्र को शोक में डुबो दिया है। यह हादसा न केवल परिवार के लिए बल्कि पूरे स्कूल समुदाय के लिए गहरा सदमा लेकर आया है। जानकारी के मुताबिक, छात्र की मौत एक सड़क दुर्घटना में हुई, जिससे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई।

कैसे हुआ हादसा

घटना सोमवार सुबह की बताई जा रही है जब छात्र अपने स्कूल के लिए साइकिल से घर से निकला था। रास्ते में एक तेज रफ्तार वाहन ने उसे टक्कर मार दी। स्थानीय लोगों ने घायल छात्र को तुरंत नजदीकी अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, दुर्घटना के समय सड़क पर ट्रैफिक बहुत कम था, लेकिन वाहन की स्पीड इतनी ज्यादा थी कि टक्कर लगते ही छात्र दूर जा गिरा।

एक स्थानीय निवासी ने बताया, “यह सड़क पर अक्सर तेज गति से वाहन दौड़ते हैं। यहां पहले भी कई हादसे हो चुके हैं, लेकिन प्रशासन ने कभी गंभीरता से ध्यान नहीं दिया।”

पुलिस जांच में जुटी, वाहन चालक फरार

हादसे के बाद चालक मौके से फरार हो गया। पुलिस ने मामला दर्ज कर सीसीटीवी फुटेज खंगालने शुरू कर दिए हैं ताकि वाहन और आरोपी चालक की पहचान की जा सके।

थाना प्रभारी ने बताया, “हमने दुर्घटनास्थल का निरीक्षण किया है। आसपास के कैमरों की जांच की जा रही है। जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार किया जाएगा।”

स्कूल में मातम का माहौल

छात्र की अचानक मौत से स्कूल में शोक की लहर है। शिक्षक और साथी छात्र सदमे में हैं। स्कूल प्रशासन ने एक विशेष प्रार्थना सभा आयोजित की, जिसमें छात्र की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया।

प्रधानाचार्य ने कहा, “वह एक प्रतिभाशाली और अनुशासित छात्र था। उसकी असमय मौत ने हम सभी को झकझोर दिया है।”

परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़

मृतक छात्र के घर पर कोहराम मचा हुआ है। माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है। पड़ोसी और रिश्तेदार परिवार को ढांढस बंधा रहे हैं।

परिवार के एक सदस्य ने कहा, “वह हमारे परिवार का इकलौता बेटा था। उसकी जिंदगी अभी शुरू ही हुई थी। हमें न्याय चाहिए ताकि किसी और परिवार को यह दर्द न सहना पड़े।”

सड़क सुरक्षा पर उठे सवाल

यह हादसा एक बार फिर सड़क सुरक्षा और प्रशासनिक लापरवाही पर सवाल खड़े करता है। स्थानीय लोग लंबे समय से क्षेत्र में स्पीड ब्रेकर और सख्त ट्रैफिक नियंत्रण की मांग कर रहे हैं।

सामाजिक कार्यकर्ता अमित बिष्ट ने कहा, “जब तक प्रशासन गति सीमा लागू करने और निगरानी बढ़ाने में सख्ती नहीं करेगा, तब तक ऐसे हादसे रुकना मुश्किल है।”

निष्कर्ष:

उत्तराखंड के इस दर्दनाक हादसे ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि हम सड़क सुरक्षा को लेकर कितने लापरवाह हैं। एक युवा जिंदगी, जो सपनों से भरी थी, अब हमेशा के लिए खत्म हो गई। यह सिर्फ एक परिवार की नहीं, बल्कि समाज की त्रासदी है।

प्रशासन को अब महज़ बयानबाज़ी से आगे बढ़कर ठोस कदम उठाने होंगे — ताकि कोई और बच्चा सड़क पर अपनी जान न गंवाए, और कोई और मां अपने बेटे को खोने का गम न सहे।

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