हल्द्वानी की तहसील में हाल ही में ऐसा मामला सामने आया जिसने लोगों की नजरें खींच लीं। कहा जा रहा है कि कानूनगो अशरफ अली अपने घर से ही सरकारी...
हल्द्वानी की तहसील में हाल ही में ऐसा मामला सामने आया जिसने लोगों की नजरें खींच लीं। कहा जा रहा है कि कानूनगो अशरफ अली अपने घर से ही सरकारी कामकाज चला रहे थे। फाइलें, दस्तावेज और पेपरवर्क, सब उनके घर में रखे पाए गए।
यह खबर सुनते ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तुरंत संज्ञान लिया। उन्होंने अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी और साफ कहा कि ऐसी लापरवाही किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
अचानक निरीक्षण में खुला राज
नैनीताल मंडल के कमिश्नर दीपक रावत अचानक तहसील पहुंचे। उन्होंने देखा कि फाइलों का ढेर घर में रखा गया था। कुछ कर्मचारी घर पर ही काम कर रहे थे।
कमिश्नर ने कहा, “सरकारी कामकाज घर से नहीं चल सकता। यह जनता की सेवा का मामला है। दफ्तर में काम होना चाहिए।”
कर्मचारियों का कहना है कि पहले भी शिकायतें आती रही हैं। लोग अक्सर कहते थे कि कामकाज में देरी होती है और फाइलें समय पर नहीं संभाली जाती हैं।
लंबित मामलों की चिंता
निरीक्षण में यह भी सामने आया कि हल्द्वानी तहसील में कुल 7000 प्रकरण दर्ज हैं। इनमें से 1044 अब भी लंबित हैं। कुछ मामले तो पांच साल पुराने हैं।
कमिश्नर ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि तीन महीने के भीतर पुराने मामलों को निपटाया जाए। साथ ही बकायेदारों के नाम गेट पर लगाना और आम जनता के लिए उपलब्ध कराना भी जरूरी बताया गया।
स्थानीय लोगों की बातें
स्थानीय लोग इस मामले को सुनकर चौंक गए हैं। मुनिश वर्मा, जो तहसील के पास रहते हैं, कहते हैं, “पहले भी शिकायतें होती थीं, लेकिन कार्रवाई कम होती थी। अब लगता है कि शायद चीजें बदलें।”
सीमा कुमारी, एक महिला निवासी, कहती हैं, “अगर कामकाज दफ्तर में सही से चलेगा, तो हमें जल्दी मदद मिलेगी। इससे भरोसा बढ़ेगा।”
एक कर्मचारी ने, नाम न बताने की शर्त पर, कहा, “अगर अधिकारी खुद गंभीर होंगे और नियमों का पालन करेंगे, तो पुराने मामलों का बोझ जल्दी कम होगा। हम भी आराम से काम कर पाएंगे।”
मुख्यमंत्री का स्पष्ट संदेश
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकारी कामकाज जनता के लिए है। उन्होंने जोर दिया कि पारदर्शिता और जवाबदेही हर हाल में जरूरी है। कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।
निष्कर्ष
हल्द्वानी में तहसील का कामकाज घर से चलाने का मामला प्रशासनिक कमजोरी को उजागर करता है। लेकिन अधिकारियों की सक्रियता और मुख्यमंत्री का संज्ञान यह दिखाता है कि अब बदलाव आएगा।
स्थानीय लोग उम्मीद कर रहे हैं कि भविष्य में ऐसी लापरवाही नहीं होगी। सरकारी कामकाज समय पर होगा। और जनता को बेहतर सेवाएं मिलेंगी।